सावधान आप भोजन ले रहे है या विष?
दोस्तों आज एक ऐसी समस्या के बारे में बात करेंगे जिस हम सब जानते तो है पर उसे का उपाय किसी के पास नहीं। बात है हमारे शरीर में भोजन आदि से जा रहे हानिकारक ज़हर के बारे में।
जी हाँ हम सब ये भलीभाँती जानते है की आज कल हम जो भी खा रहे है, पी रहे है यहाँ तक की जो सांस ले रहे है उन सब में हानिकारक केमिकल या जहर मिले हुए है। पर इन टॉक्सिन को शरीर में जमा होने से रोकना या उन्हें निकालने का उपाय क्या है????
जानना चाहते है?? तो इस वीडियो को अंत तक जरूर देखिये।
पर पहले बात करते है की ये टॉक्सिन क्या है और किस प्रकार ये हमारे शरीर में जमा होते जा रहे है।
हमारे आहार के मूलभूत आधार जैसे अनाज, फल, सब्जियाँ, ड्राई फ्रूट्स इन सभी को खेत में बोने, उगाने, पकाने से लेकर प्रीजर्व करने की अनेक प्रक्रियाओं से जब वे आपकी थाली तक पहोचते है तब तक प्रत्येक स्तर पर उन में अनेक हानिकारक पेस्टिसाइड्स, हॉर्मोन्स इंजेक्शन, आर्टिफिशियल कलर और फ्लेवर, ब्लीचिंग एजेंट आदि का प्रयोग होता है। साथ ही मिलावट का जहर अब दूध, घी, तेल, मसाले, मिल्क प्रोडक्ट्स में बढ़ाते ही जा रहा है।
भोजन में इन सब का प्रयोग पाचन की समस्या, मुँह और आंतो में छाले, ब्लड, हॉर्मोन्स, विटामिन आदि की डेफिशियंसी, चमड़ी के रोग से लेकर कैंसर तक की भयंकर बिमारीया होती है। साथ ही यह जहरीले रसायन हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंगों जैसे हृदय, गुर्दे, यकृत, आंख, मस्तिष्क, तंत्रिका तंत्र और मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाते हैं।
अब बात करते है जल की। कहते है जल ही जीवन है। पर आज यही जल जगह रोग का कारण बनाता जा रहा है। हमारा दुर्भाग्य है की ज्यादातर पानी आज सीधा पीने लायक नहीं रहा। हमें किसी ना किसी रूप में वोटर प्यूरीफायर का उपयोग करना पड़ता है। ये RO प्यूरीफायर पानी में से महत्वपूर्ण मिनरल्स को निकाल देते है। जिसे पीने से आज विटामिन बी १२ , कैल्शियम, मेग्नेशियम आदि की कमी बहुत आम हो गई है। जिस से पाचन खराब होना, ह्रदय किडनी की समस्या, माँसपेशिओ में ऐंठन आदि होता है।
हमारा प्राण है हवा। जी हां आहार और पानी के बगैर तो आप शायद २ ३ दिन निकाल ले पर हवा के बिना २ ३ मिनट भी रहने जानलेवा जो सकता है। पर आज का वायु प्रदूषण कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड आदि में हम साँस ले रहे हैं जो हमारे फेफड़े और हृदय को बीमार बना रहे हैं।
ख़ास कर बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती माताओं पर सबसे बुरा प्रभाव हो रहा है। अस्थमा, कैंसर, एलर्जी के केसीस बढ़ाते जा रहे है।
हवा, पानी और भोजन के यह जहर काम पद रहे थे तो हमने मौज मस्ती के लीए भी जहर लेना शरू कर दिया है
जी हाँ बीड़ी, सिगरेट, दारु, तंबाकू आदि का सेवन फास्ट फ़ूड, चाइनीज़ फ़ूड, कोल्ड ड्रिंक्स, टिन फ़ूड, ये सब अनेक हानिकारक टॉक्सिन को शरीर में पहोचा रहे है। आज देखते है की ३० साल युवा ५० साल के बूढ़े जैसा दिख रहा है। अनेक गंभीर बीमारियां हो रही है जो ज्यादातर ला-इलाज है।
इसका उपाय क्या?? हम खाना, पीना या सांस लेना तो छोड़ नहीं सकते ??
में भी जब ये सोचा रहा था तब अचानक ध्यान गया सुश्रुत संहिता में। महर्षि सुश्रुत ने एक पूरा विभाग याने कल्प स्थान लिखा है जिस में आहार आदि के साथ आने वाले इस विष को गर विष कहा है।
धन्य है महात्मा सुश्रुत जिन्होंने इस गर विष का उपाय बताया। जो है आयुर्वेदीय पंचकर्म।
हमने ख़ास रूप से महर्षि सुश्रुत के इस उपाय पर संशोधन कर के एक विशेष डोटोक्स थेरापी की शोध की। जी स के बारे हम हम अगले वीडियो में आप को पूरी जानकारी देंगे।