क्या आप का विटामिन डी बार – बार कम हो जाता है ? जानिए क्या है आयुर्वेदिक उपाय
विटामिन डी बार बार कम होने के आयुर्वेद के अनुसार क्या कारण हो सकते है? ये जानीए:
Slow Digestion is one of the main cause.
जठराग्नि मंद होना
वर्त्तमान समय में अधिकाँश लोग पाचन की समस्या से पीड़ित है|
- कभी कम, कभी ज्यादा भोजन, कभी समय पर या कभी बिना समय के भोजन लेना ,
- पहले लीए भोजन का पूर्ण पाचन न होने पर भी खाते रहना ,
- अपनी प्रकृति (वायु, पित्त या कफ ) से विपरीत भोजन लेना ,
- होटेल या रेस्तरों फास्टफ़ूड का अधिक सेवन,
- किसी लंबी बीमारी के कारण,
- मल-मूत्र की स्वाभाविक प्रवृति को रोकना
- किसी प्रकार का व्यायाम न करना
आदि कारणों से पाचन शक्ति (जठराग्नि) कम हो जाती है | जठराग्नि मंद होने से आहार संपूर्ण रूप से पचता नहीं है पर अपक्व रहता है | ये अपक्व आहार शरीर को पोषण नहीं देता | फिर भले ही हम रोज दूध , घी, केला, ड्राय फ्रूट्स आदि पोषक आहार लें पर जठराग्नि की मंदता से शरीरमें उसका पोषण नहीं मिलता |
Diet & Lifestyle that produces excessive Vata Dosha is key in vitamin D deficiency.
वात दोष का बढ़ना वाले आहार-विहार का सेवन
- रुखा-सूखा और भारी आहार जैसे बेकरी प्रोडक्ट्स, नमकीन, राजमा, छोले, चना, मटर , आलू, फास्ट फ़ूड
- ज्यादा मात्रामें कच्ची सब्जी या सलाद का सेवन
- कोल्ड ड्रिंक्स या एरेटेड ड्रिंक्स सोडा वगेरा
- फ्रीज में रखी ठंडी चीजें
- तरबूच, खरबुचा, सुपारी आदि ठंडे फल
- फर्मेन्टेड फ़ूड का अधिक सेवन जैसे इडली, ढोसा आदि
- आहार मे स्नेह (गाय का घी, तिल का तेल आदि) न लेना
- रात्री को जागना या देर तक जागना
- पुरे दिन चिंता में या विचारो में रहना
इस प्रकार बढ़ा हुआ वात दोष अस्थि धातु (Bones) को अंदर से खोखला करने लगता है।
साथ ही वायु दोष बढ़ने से भी विटामिन डी कम होता है।